12वीं के बाद करें डिप्लोमा इन मेडिकल इमेजिंग टेक्नोलॉजी

Updated Post: 30 Aug 2024

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 12वीं के बाद करें डिप्लोमा इन मेडिकल इमेजिंग टेक्नोलॉजी

NIOS का DMIT कोर्स बायोफिज़िक्स और हेल्थकेयर पर केंद्रित दो साल का प्रोग्राम है, जो छात्रों को रेडियोलॉजी में व्यावहारिक काम के लिए तैयार करता है। इसमें एक्स-रेसीटी स्कैन और एमआरआई जैसी इमेजिंग तकनीकों में सैद्धांतिक पाठ और व्यावहारिक प्रशिक्षण शामिल है। स्नातक अस्पतालों, रेडियोलॉजी केंद्रों और निजी प्रैक्टिस में करियर बना सकते हैं। इस डिप्लोमा के लिए 10+2 शिक्षा आवश्यक है। मेडिकल इमेजिंग में गहन समझ और बेहतर कौशल के लिए, दिल्ली एनसीआर में एक शीर्ष पैरामेडिकल संस्थान में पंजीकरण करें।

नौकरी के अवसर(Job opportunities)

रेडियोलॉजिक टेक्नोलॉजिस्ट/रेडियोग्राफर(Radiological Technologist): चिकित्सा कारणों से डायग्नोस्टिक इमेज बनाने के लिए एक्स-रे मशीन, सीटी स्कैनर, एमआरआई स्कैनर और अन्य मेडिकल इमेजिंग टूल का उपयोग करता है। रेडियोलॉजिक टेक्नोलॉजिस्ट अस्पतालों, क्लीनिकों, इमेजिंग केंद्रों और अन्य स्वास्थ्य सुविधाओं में कार्यरत हैं।

एमआरआई टेक्नोलॉजिस्ट(MRI Technologist): शरीर के अंदर अंगों, ऊतकों और संरचनाओं की विस्तृत छवियां बनाने के लिए चुंबकीय अनुनाद इमेजिंग (एमआरआई) स्कैनर संचालित करने में माहिर हैं। एमआरआई टेक्नोलॉजिस्ट निदान में मदद करने के लिए चिकित्सकों और रेडियोलॉजिस्ट के साथ मिलकर काम करते हैं।

सीटी टेक्नोलॉजिस्ट(CT Technologist): शरीर की क्रॉस-सेक्शनल इमेज बनाने के लिए कंप्यूटेड टोमोग्राफी (सीटी) स्कैनर संचालित करने पर ध्यान केंद्रित करें। सीटी टेक्नोलॉजिस्ट यह सुनिश्चित करते हैं कि मरीज़ ठीक से सेट हों और उपचार के दौरान विकिरण सुरक्षा की निगरानी करें।

अल्ट्रासाउंड टेक्नोलॉजिस्ट(Ultrasound Technologist): डायग्नोस्टिक उद्देश्यों के लिए आंतरिक अंगों और ऊतकों की छवियां बनाने के लिए अल्ट्रासाउंड उपकरण संचालित करते हैं। अल्ट्रासाउंड टेक्नोलॉजिस्ट चिकित्सा स्थितियों के निदान में मदद करने के लिए प्रसूति, कार्डियोलॉजी और अन्य चिकित्सा चीजों में काम करते हैं।

मैमोग्राफी टेक्नोलॉजिस्ट(Mammography Technologist): मैमोग्राम करते हैं, जिसमें स्तन कैंसर का पता लगाने और उसका विश्लेषण करने के लिए स्तन की एक्स-रे इमेजिंग शामिल होती है। मैमोग्राफी टेक्नोलॉजिस्ट उच्च गुणवत्ता वाली छवियां बनाते हुए दयालु रोगी देखभाल प्रदान करते हैं।

न्यूक्लियर मेडिसिन टेक्नोलॉजिस्ट(Nuclear medicine technologist): रोगियों को रेडियोधर्मी दवाएँ देते हैं और अंगों और ऊतकों की छवियाँ बनाने के लिए इमेजिंग उपकरण संचालित करते हैं जो उनकी कार्यप्रणाली को उजागर करते हैं। न्यूक्लियर मेडिसिन टेक्नोलॉजिस्ट न्यूक्लियर मेडिसिन चिकित्सकों के साथ मिलकर काम करते हैं।

कार्डियोवैस्कुलर टेक्नोलॉजिस्ट(Cardiovascular Technologist): हृदय और रक्त वाहिकाओं की इमेजिंग पर ध्यान केंद्रित करते हैं ताकि हृदय संबंधी स्थितियों का विश्लेषण करने में मदद मिल सके। कार्डियोवैस्कुलर टेक्नोलॉजिस्ट इकोकार्डियोग्राफी (हृदय अल्ट्रासाउंड) या वैस्कुलर तकनीक (रक्त वाहिकाओं की इमेजिंग) में विशेषज्ञ हो सकते हैं।

रेडिएशन थेरेपिस्ट(Radiation therapist): रेडिएशन ऑन्कोलॉजिस्ट के मार्गदर्शन में कैंसर के रोगियों को रेडिएशन उपचार देते हैं। रेडिएशन थेरेपिस्ट रोगी के आराम और सुरक्षा को प्राथमिकता देते हुए रेडिएशन का उचित वितरण सुनिश्चित करते हैं।

गुणवत्ता नियंत्रण टेक्नोलॉजिस्ट(Quality control Technologist): चिकित्सा इमेजिंग उपकरणों और चित्रों की सटीकता और गुणवत्ता सुनिश्चित करते हैं। गुणवत्ता नियंत्रण टेक्नोलॉजिस्ट उपकरण देखभाल, अंशांकन और छवि मूल्यांकन करके रोगी देखभाल के उच्च मानकों का समर्थन करते हैं।

शिक्षक या प्रशिक्षक(Educator or trainer): वे शैक्षणिक संस्थानों, प्रशिक्षण कार्यक्रमों या प्रचलित शिक्षा पाठ्यक्रमों में शिक्षण भूमिकाओं के माध्यम से इच्छुक चिकित्सा इमेजिंग प्रौद्योगिकीविदों के साथ ज्ञान और विशेषज्ञता साझा करते हैं।

DMIT (NIOS) कोर्स पूरा करने के बाद वेतन क्या है?(What is the salary after finishing the DMIT NIOS course?)

मासिक आय INR 15,000 से 25,000/- तक होती है। उम्मीदवार की शैक्षिक उपलब्धियों और शैक्षणिक साख को ध्यान में रखना आवश्यक है। उम्मीदवार 3 लाख से 10 लाख के बीच वार्षिक वेतन पाने की उम्मीद कर सकते हैं, जो उनके अनुभव के स्तर से निर्धारित होगा। कार्यक्रम में नामांकन के लिए अपनी प्राथमिक पसंद के रूप में दिल्ली में सर्वश्रेष्ठ DMIT कॉलेज चुनें।

अभी नामांकन करें(Enrol now)

दिल्ली एनसीआर में गणेश पैरामेडिकल कॉलेज छात्रों के समर्पण को पहचानता है और उन्हें सफल भविष्य के लिए आवश्यक कौशल प्रदान करने के लिए एक पाठ्यक्रम बनाया है। गणेश पैरामेडिकल कॉलेज में छात्रों को मेडिकल लैब और रेडियोग्राफी लैब में आवश्यक निर्देश प्राप्त होते हैं, बशर्ते वे लैब में उपकरणों और उन्नत उपकरणों का उपयोग करने में दक्षता और सफलता प्रदर्शित करें।

पाठ्यक्रम अवलोकन

कार्यक्रम का पूरा नाममेडिकल इमेजिंग टेक्नोलॉजी में डिप्लोमा
कार्यक्रम स्तरडिप्लोमा
कार्यक्रम की अवधि2 वर्ष
परीक्षा का प्रकारवार्षिक
पात्रता10+2
प्रवेश प्रक्रियाप्रवेश परीक्षा और योग्यता आधारित
औसत कार्यक्रम शुल्क45 हजार रुपये तक

लोग पूछ सकते हैं(People may ask)

इस कोर्स को पूरा करने के बाद औसत वेतन क्या होगा?

पद और रैंक के आधार पर औसत वेतन 2.2-10 लाख रुपये तक होता है।

इस कोर्स के लिए पूछताछ कैसे करें?

आप हमसे PH नंबर-011-47444444 कॉल सेंटर नंबर-011-47333333, मोबाइल नंबर-9810183948 पर संपर्क कर सकते हैं।

दिल्ली एनसीआर में सर्वश्रेष्ठ पैरामेडिकल कॉलेज चुनने से पहले क्या देखें?

उनकी स्थिति, अनुभव, परिणाम, प्लेसमेंट आदि की जाँच करें, आप भारत में सर्वश्रेष्ठ पाठ्यक्रमों के लिए गणेश पैरामेडिकल कॉलेज चुन सकते हैं।

क्या पैरामेडिकल पाठ्यक्रमों के लिए NEET की आवश्यकता होती है?

नहीं, पैरामेडिकल पाठ्यक्रमों के लिए NEET की आवश्यकता नहीं है। हालाँकि, कुछ कॉलेजों में छात्रों के लिए विश्वविद्यालय प्रवेश परीक्षा हो सकती है।

क्या पैरामेडिकल पाठ्यक्रमों के लिए कोई प्रवेश परीक्षा है?

कुछ पैरामेडिकल पाठ्यक्रमों में प्रवेश प्रवेश परीक्षाओं के आधार पर होता है। इसमें JIPMER, NEET-UG, MHT CET आदि शामिल हैं।

पैरामेडिकल कोर्स कितने साल का होता है? 

सर्टिफिकेट कोर्स 1-2 साल की अवधि के होते हैं जबकि डिग्री कोर्स 1-4 साल के होते हैं।

क्या पैरामेडिकल एक अच्छा करियर है?

पैरामेडिकल स्नातकों के लिए नौकरी के भरपूर अवसर हैं और इन क्षेत्रों में प्रशिक्षित लोगों की मांग बढ़ रही है।